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ब्रिटेन ने माना, कोहिनूर हीरा जबरन भारत से लिया गया

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ब्रिटेन ने माना, कोहिनूर हीरा जबरन भारत से लिया गया

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इस प्रदर्शनी का आयोजन टॉवर ऑफ लंदन में किया गया है।

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कोहिनूर जड़ा ताज सबसे पहले ब्रिटेन की महारानी मां ने पहना था। (फ़ाइल)

Kohinoor Diamond: ब्रिटेन के शाही परिवार ने स्वीकार किया है कि भारत से कोहिनूर हीरा ईस्ट इंडिया कंपनी ने लिया था। महाराजा दिलीप सिंह को इसे आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर होना पड़ा। ब्रिटेन के टॉवर ऑफ लंदन में रॉयल ज्वेल्स की एक प्रदर्शनी लगाई गई है। इसमें कहा गया है कि लाहौर संधि के तहत दिलीप सिंह के सामने कोहिनूर सौंपने की शर्त रखी गई थी।

बकिंघम पैलेस के रॉयल कलेक्शन ट्रस्ट की मंजूरी के बाद प्रदर्शनी में यह ग्रन्थ लिखा गया है। दरअसल पहली बार कोहिनूर समेत कई बेशकीमती हीरे-जवाहरात टावर ऑफ लंदन की प्रदर्शनी में शामिल किए गए हैं. यहां कई वीडियो और प्रेजेंटेशन के जरिए कोहिनूर के इतिहास को भी बताया जा रहा है। प्रदर्शनी में कोहिनूर को जीत के प्रतीक के तौर पर रखा गया है।

कोहिनूर हीरा ‘विजय का प्रतीक’

क्राउन ज्वेल्स प्रदर्शनी में कोहिनूर पर एक फिल्म भी दिखाई गई है। इसमें इसके पूरे इतिहास को ग्राफिक मैप के जरिए दिखाया गया है। इसमें कहा गया है कि हीरा गोलकुंडा की खदानों से निकाले जाने का दावा किया जाता है। इसके बाद एक तस्वीर में महाराजा दिलीप सिंह इसे ईस्ट इंडिया कंपनी को सौंपते नजर आ रहे हैं।

एक अन्य तस्वीर में ब्रिटेन की महारानी मां के ताज में कोहिनूर नजर आ रहा है। किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक के अवसर पर टावर ऑफ लंदन में इस प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। किंग चार्ल्स और क्वीन कैमिला को 6 मई को ताज पहनाया गया।

महारानी कैमिला ने नहीं पहना था कोहिनूर जड़ा ताज

कैमिला ने राज्याभिषेक के समय महारानी एलिजाबेथ का कोहिनूर जड़ित मुकुट नहीं पहना था। इसके बजाय, क्वीन मैरी के ताज को उसके लिए नया रूप दिया गया था। उसमें अनेक बेशकीमती हीरे-मोती जड़े हुए थे। दरअसल, शाही परिवार को डर था कि कोहिनूर लगे ताज के इस्तेमाल से भारत से रिश्ते खराब हो सकते हैं। इसी वजह से यह फैसला लिया गया।

भारत कई बार कोहिनूर वापस मांग चुका है

कोहिनूर जड़ा ताज सबसे पहले ब्रिटेन की महारानी मां ने पहना था। इसके बाद महारानी एलिजाबेथ को ताज दिया गया। कोहिनूर के अलावा, ताज कई कीमती पत्थरों से जड़ा हुआ है, जिसमें अफ्रीका का ग्रेट स्टार, अफ्रीका का सबसे मूल्यवान हीरा भी शामिल है। इसकी कीमत करीब 400 मिलियन डॉलर आंकी गई है। भारत कई बार ब्रिटेन के सामने कोहिनूर हीरे पर अपना कानूनी अधिकार जता चुका है।








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